Tuesday 17 November 2015

सी. ए.जी. एक एकाउंटेंट भी नहीं है (CAG NOT EVEN AN ACCOUNTANT)

मैने अपनी आत्मकथा के रूप में इस किताब (A FRAUD IN THE INDIAN CONSTITUTION) को लिखा है। मैने 30 साल से अधिक INDIAN AUDIT &  ACCOUNTS DEPARTMENT (IA & AD) में काम किया। इस विभाग के प्रमुख है सी. .जी। इस पुस्तक को लिखने के लिए, मैं मेरी सेवानिवृत्ति के 5 साल से पहले, जब मैं वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी के रूप में काम कर रहा था, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य, आम जनता को लेखा परीक्षा (CAG) कार्यालय की सही तस्वीर देने के लिए है अर्थात् कैसे इस संस्था अपने आप, सरकार द्वारा, नेताओं द्वारा और दूसरों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। इस तस्वीर को सार्वजनिक मीडिया के माध्यम से इच्छुक पार्टियों द्वारा, उनके खुद के स्वार्थी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, जनता के मन में पेश की गई छवि से काफी विपरीत है। वह यह है कि, पुस्तक की प्रस्तावना के पहले भाग में जैसा कहा गया हैआम आदमी का विश्वास कि CAG भगवान के समान है, लेकिन वास्तव में यह उस तरह नहीं है, इसके विपरीत में भारतीय संविधान में एक धोखा है। इस पुस्तक का नाम, वास्तविक अर्थ और मुख्य विषय यही है।


पुस्तक के पहले भाग के शीर्षक “CAG NOT EVEN AN ACCOUNTANT” (सी. ए.जी. एक एकाउंटेंट भी नहीं) है। पहले अध्याय में, मैं सीएजी कार्यालय का सुस्त प्रकृति साबित कर रहा हूँ और मैं यह भी साबित कर रहा हूँ कि सीएजी अपने ही शाखा कार्यालयों की कुल संख्या भी बनाए रखने मे सक्षम नहीं है। इस के लिए मैं एक दिलचस्प ऐतिहासिक घटना का उदाहरण देकर खुलासा कर रहा हूँ।
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